स्टाम्प शुल्क अभय योजना : Stamp Duty Abhay Yojana Maharashtra
स्टाम्प शुल्क अभय योजना : Stamp Duty Abhay Yojana Maharashtra – दोस्तो इस लेख में हम आपको महाराष्ट्र की एक योजना का नाम बताएंगे जिससे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रारंभ किया है इस योजना का नाम स्तंभ शुल्क अभय योजना है इसके अंदर आप को पुराने कागज के ऊपर यह योजना चलाई गई है अगर आप इस योजना के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो आप इस लेखक को पड़े ।
स्टाम्प शुल्क अभय योजना क्या हैं: Stamp Duty Abhay Yojana Kya Hai
राजस्व विभाग ने एक आंगनबाड़ी योजना शुरू की है जिसके तहत 1980 से 2020 तक के बीच किए गए सभी दस्तावेजों की स्टैम्प पर ड्यूटी और पेनल्टी को पूरी तरह से माफ कर दिया गया है सरकार का कहना है कि जो 1 जनवरी 1980 से लेकर 31 दिसंबर 2020 के बीच बनाए गए थे और जिन्हें दर्ज नहीं किया गया था उन पर स्टांप ड्यूटी और पेनाल्टी ही माफ कर दी जाएगी इस योजना के अंतर्गत हुआ यह फैसला सरकार द्वारा किया गया है जिससे लोगों को बड़े राहत मिलेगी फिर वह अपने दस्तावेजों को रजिस्टर करवा सकेंगे बिना किसी परेशानी के ।
स्टाम्प शुल्क अभय योजना शुल्क मॉफ होगा : Will the Entire Penalty Be Waived In Stamp Duty Abhay Yojana
सूत्रों के अनुसार इस समय यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि डायनासोर के ऊपर कितने प्रतिशत माफी लागू होगी यह योजना नागरिकों और हाउसिंग सोसायटी को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई थी। कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने ऐलान किया की माफी का लाभ स्टेम ड्यूटी शुल्क और दंड दोनों पर होगा लेकिन महाराष्ट्र सोसाइटीज वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष रमेश प्रभु का कहना है कि सरकार केवल दंड राशि पर छूट प्रदान करेगी पूरी माफी प्रधान नहीं करेगी ।
रमेश प्रभु ने यह भी जताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि पिछले स्टेम ड्यूटी शुल्क को महाराष्ट्र स्टैंप एक्ट 1958 के तहत निर्धारित किया जाना चाहिए ।
स्टाम्प शुल्क अभय योजना के लाभ : Stamp Duty Abhay Yojana Benefits
राजस्व विभाग द्वारा यह योजना दो चरणों में लागू की जाएगी योजना का पहला चरण 1 दिसंबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक लागू किया जाएगा और दूसरा चरण 1 फरवरी 2024 से 31 मार्च 2024 तक चलेगा दोनों चरणों की डिटेल्स अब तक घोषित नहीं हुई है ।
यह उन आवास समितियां की मदद करेगा जो Deemed Conveyance का लाभ उठा सकती है और जो दस्तावेज प्राप्त हो सकते हैं जो पर्याय रूप से दिखाई नहीं थे प्रभु ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि यह 400 फीसदी तक के जुर्माने को माफ करने में मदद करेगा चाहे वह दस्तावेज पंजीकृत हो या अपंजीकृत हो ।
रमेश प्रभु ने बताया कि उदाहरण के लिए अगर कोई दस्तावेज पंजीकृत है लेकिन स्टांप नहीं है मान लीजिए 20 साल पहले और उसे समय स्टैंप ड्यूटी फीस कहीं गई थी चाहे ₹100000 हो अगर कोई व्यक्ति चाहता है कि इन दस्तावेजों का सिस्टम करवा तो उसे पर लगाए जाने वाले जमाने की राशि मासिक दो प्रतिशत है और इससे मुख्य स्टेबिलिटी फीस की राशि से कहीं अधिक हो जाएगी उन्होंने आगे कहा की एम्नेस्टी योजना के प्रस्तुत होने से जुर्माने की राशि पर कुछ छूट संभव है जिससे लोग और आवास समिति के सदस्य आगे बढ़ सकते हैं और इस टाइम पर ड्यूटी पंजीकरण को कार्यान्वित कर सकते हैं ।
स्टाम्प शुल्क अभय योजना के उद्देश्य: Stamp Duty Abhay Yojana Objective
महाराष्ट्र स्टैंप एक्ट, 1958 के तहत अनुरोध किए गए कई अधिक क्रियो 1 तन पत्रों और अन्य दस्तावेज है जिन्हें सही स्टांपिंग नहीं किया गया है महाराष्ट्र स्टैंप एक के धारा 34 के अनुसार कुछ दस्तावेजों पर यदि काम स्टेम ड्यूटी की गई है तो वह कानून के अदालत में पेश करने के लिए मान्य नहीं होते हैं ।
इस प्रक्रिया को समानता करने के लिए इस प्रमाण पत्र के प्राप्तकर्ता को उसे केवल डफिसिट स्टेम ड्यूटी के लिए ही नहीं बल्कि डफिसिट राशि पर मान्यता के साथ-साथ महीने की 2% दर पर जुर्माना भी भरना होता है ।
जमाने की राशि राशि स्टेम ड्यूटी की राशि का 425 तक प्रतिशत तक हो सकती है ऐसा करना लोगों पर एक भारी भोज बनाता था कई लोग कभी भी इस प्रकार के दस्तावेज हो ऊपर डिफिसिट ड्यूटी नहीं भरते थे जिससे सरकार को राजस्व की हानि होती थी ।
इसलिए सही स्टांपिंग नहीं किए जाने वाले यह पंजीकृत नहीं होने वाले दस्तावेजों पर राजस्व जमा करने या नागरिक को जुर्माना राशि पर राहत देने और डीमैट कन्वेंस को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्व विभाग ने नए स्टैंप ड्यूटी योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत शामिल किए जाएंगे उन दस्तावेजों को यह सुनिश्चित करने के लिए जो सब रजिस्टार आफ इंश्योरेंस के साथ पंजीकृत है जिन पर सही स्टेप नहीं लगा या जिन पर स्टैंप ड्यूटी छूट गई है ।
इन दस्तावेजों को सब रजिस्टार आफ इंश्योरेंस के साथ नहीं लिखा जा सकता है जिन पर सही स्टांप नहीं लगाया गया है यह जिन्हें तेलगी विक्रेताओं के माध्यम से बेचा गया उन्हें यीशु योजना के लाभ प्राप्त नहीं होंगे ।
अधूरे कैस
महाराष्ट्र में पंडित का संपत्तियों पर दिए गए इस टाइम पर ड्यूटी पर लगभग 2.32 लाख मामले हैं ज्यादातर इनमें 1980 के दशक के युग के हैं विवादित राशि 1000 करोड रुपए है जबकि इस पर लगाएगी जमाने की रकम 1800 करोड रुपए है रिकवरी को तेजी से बढ़ने और पेंडेंसी खत्म करने के लिए राजस्व विभाग दो चरणों के मामलों की सुधार के लिए एमनेस्टी योजना लॉन्च करने का विचार कर रहा है।
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