लिफ्ट में क्यों लगा होता है शीशा? ये है इसके पीछे की पूरी कहानी : Lift Me Shisha Kyu Hota Hai

लिफ्ट में क्यों लगा होता है शीशा? ये है इसके पीछे की पूरी कहानी : Lift Me Shisha Kyu Hota Hai

लिफ्ट में क्यों लगा होता है शीशा? ये है इसके पीछे की पूरी कहानी : Lift Me Shisha Kyu Hota Hai -: लिफ्ट में शीशा (mirror) इसलिए होता है ताकि वहाँ की छोटी सी जगह भी बड़ी दिखे और लोग उसमें आसानी से अपनी परछाई को (reflection) देख सकें। यह एक प्रकार का डिज़ाइन प्रिंसिपल (design principle) है जिससे लोगों को लिफ्ट में बेहतर और अधिक खुदरा महसूस होता है।

लिफ्ट में क्यों लगा होता है शीशा? ये है इसके पीछे की पूरी कहानी : Lift Me Shisha Kyu Hota Hai
लिफ्ट में क्यों लगा होता है शीशा? ये है इसके पीछे की पूरी कहानी : Lift Me Shisha Kyu Hota Hai

लिफ्ट में क्यों लगा होता है शीशा?

जब लिफ्ट बंद हो जाती हैं तो उसका किसी व्यक्ति का ध्यान भटके नहीं। इस वजह से, यात्री अक्सर लिफ्ट की गति को लेकर चिंतित हो जाते थे। इसका समाधान लिफ्ट में शीशा लगाना था, जो इस मुद्दे पर विचार करते समय सोचा गया था। यात्रियों का ध्यान किसी और चीज़ की ओर मोड़ने के लिए लिफ्ट में शीशे जोड़े गए।

जैसा कि आपने देखा होगा, छोटी जगहों में हमारी परछाई कम दिखती है क्योंकि हमारे द्वारा उत्प्रेरित किया गया प्रकार (perspective) विचलित होता है। जब हम शीशे पर नजर डालते हैं, तो हमारी परछाई उस पर प्रतिस्थित होती है और हम दिखते हैं कि हम उस छोटी सी जगह में समाहित नहीं होते हैं, बल्कि बड़े खुले स्थान में हैं।

इस तरह के डिज़ाइन प्रिंसिपल्स का उद्देश्य यह होता है कि लोग जगह की छोटी आकार के बावजूद भी उसे बड़ी और आरामदायक दिखने वाली जगह में महसूस करें। इससे लिफ्ट का अनुभव अधिक सकारात्मक होता है और लोग उसका उपयोग करने में अधिक आत्मनिर्भर महसूस करते हैं।

लिफ्ट में शीशा लगाने के कई कारण हैं. कुछ प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

  • सुरक्षा: शीशा लिफ्ट के अंदर और बाहर की स्थिति को देखने में मदद करता है. इससे लोगों को यह पता चलता है कि वे कहाँ जा रहे हैं और उन्हें लिफ्ट में होने वाली किसी भी दुर्घटना से बचाया जा सकता है.
  • आराम: शीशा लिफ्ट को अधिक खुला और हवादार महसूस कराता है. इससे लोगों को लिफ्ट में अधिक आरामदायक महसूस होता है.
  • शैली: शीशा लिफ्ट को अधिक आधुनिक और आकर्षक बनाता है. इससे लिफ्ट को किसी भी इमारत के इंटीरियर में अच्छी तरह से फिट किया जा सकता है.
  • विज्ञापन: शीशे पर विज्ञापन लगाकर लिफ्ट को एक विज्ञापन माध्यम के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे लिफ्ट के मालिक को पैसा कमाया जा सकता है.
  • लिफ्ट के शीशे आमतौर पर सुरक्षा कांच से बने होते हैं, जो बहुत मजबूत और टिकाऊ होते हैं.
  • लिफ्ट के शीशे को नियमित रूप से साफ किया जाता है ताकि वे साफ और स्पष्ट रहें.
  • लिफ्ट के शीशे में कभी-कभी विज्ञापन भी लगाए जाते हैं.

लिफ्ट में शीशा लगाने कि क्या हैं पूरी कहानी?

लिफ्ट में शीशा लगाने का इतिहास बहुत पुराना है. पहली लिफ्टों में शीशा नहीं होता था, लेकिन 19वीं सदी में शीशे का उपयोग लिफ्टों में किया जाने लगा. शीशे का उपयोग लिफ्टों में सुरक्षा के लिए किया जाता था. शीशे से लोगों को लिफ्ट के अंदर और बाहर की स्थिति को देखना आसान हो गया. इससे लोगों को लिफ्ट में होने वाली दुर्घटनाओं से बचाया जा सकता था. शीशे का उपयोग लिफ्टों में आराम के लिए भी किया जाता है. शीशे से लिफ्ट को अधिक खुला और हवादार महसूस होता है. इससे लोगों को लिफ्ट में अधिक आरामदायक महसूस होता है. शीशे का उपयोग लिफ्टों में शैली के लिए भी किया जाता है. शीशे से लिफ्ट को अधिक आधुनिक और आकर्षक बनाता है. इससे लिफ्ट को किसी भी इमारत के इंटीरियर में अच्छी तरह से फिट किया जा सकता है. शीशे का उपयोग लिफ्टों में विज्ञापन के लिए भी किया जाता है. शीशे पर विज्ञापन लगाकर लिफ्ट को एक विज्ञापन माध्यम के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे लिफ्ट के मालिक को पैसा कमाया जा सकता है।

लिफ्ट में शीशा लगाने के कई फायदे हैं. यह सुरक्षा, आराम, शैली और विज्ञापन के लिए एक अच्छा विकल्प है।

लिफ्ट में शीशा लगाने की पूरी कहानी यह है कि इसके पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं जो सुरक्षा, सुविधा और डिज़ाइन के संदर्भ में होते हैं।

1. सुरक्षा: लिफ्ट उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा होती है। शीशे के माध्यम से लिफ्ट में बाहर का परिदृश्य देखने की सुविधा होने से यात्री अगर लिफ्ट में किसी असामान्य स्थिति का सामना करते हैं, तो वे त्वरित और सुरक्षित तरीके से प्रतिक्रिया कर सकते हैं।

2. सुविधा: शीशे के माध्यम से यात्री अपनी प्रतिबिम्ब को देखकर उनका समय मनोरंजन किया जा सकता है, और उन्हें यह जानने में मदद मिलती है कि वे किस लेवल पर हैं और कब वे उपयुक्त लेवल पर पहुँचेंगे।

3. डिज़ाइन: लिफ्ट का डिज़ाइन अक्सर सामाजिक और आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है। शीशे से लिफ्ट को और भी आकर्षक बनाया जा सकता है ताकि यात्री उसे उपयोग करने में अधिक आनंद ले सकें।

4. व्यवसायिकता: कई बड़े व्यावासिक इमारतों में लिफ्ट का उपयोग बड़े प्रमुखताओं और आवश्यक जगहों के लिए किया जाता है, जैसे कि स्थानीय दुकान, व्यावासिक कार्यालय आदि। इन स्थानों में शीशे के माध्यम से लोग अपने आप को देखकर स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें व्यावासिक गतिविधियों की जानकारी मिल सकती है।

इन सभी कारणों से, लिफ्ट में शीशे का उपयोग सुरक्षा, सुविधा, डिज़ाइन और व्यवसायिकता के पहलु को समेटता है और यात्री के लिफ्ट का उपयोग करने का अनुभव बेहतर बनाता है।

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लिफ्ट में फंस गए तो क्या करें?

शांत रहें. घबराहट आपके लिए और आपके साथ फंसे हुए अन्य लोगों के लिए स्थिति को खराब कर सकती है.
यदि लिफ्ट में आपके साथ कोई और है, तो एक-दूसरे को सांत्वना दें और शांत रहने की कोशिश करें.
यदि लिफ्ट में एक आपातकालीन बटन है, तो उसे दबाएं. यह बटन लिफ्ट के रखरखाव कर्मियों को सूचित करेगा कि आप फंसे हुए हैं.
यदि लिफ्ट में एक फोन है, तो किसी को कॉल करें. आप अपने परिवार, दोस्तों, या इमारत के प्रबंधन को कॉल कर सकते हैं.
यदि लिफ्ट में कोई फोन नहीं है, तो आप लिफ्ट के शीशे पर या दरवाजे पर खटखटाकर मदद के लिए संकेत दे सकते हैं.
यदि आप लिफ्ट में गर्मी या ठंड महसूस कर रहे हैं, तो आप अपने कपड़ों को उतारकर या पहनकर खुद को आरामदायक रख सकते हैं.
यदि आप लिफ्ट में भूखे या प्यासे हैं, तो आप अपने पास मौजूद भोजन या पानी का सेवन कर सकते हैं.
यदि आप लिफ्ट में डर महसूस कर रहे हैं, तो आप अपनी आंखें बंद करके और गहरी सांस लेकर खुद को शांत करने की कोशिश कर सकते हैं.

दुनिया की सबसे तेज लिफ्ट कौन-सी है?

दुनिया का सबसे तेज़ एलिवेटर शंघाई वर्ल्ड फाइनेंस सेंटर में है। लिफ्ट 1,260 फीट (380 मीटर) प्रति मिनट की गति से यात्रा करती है और केवल 53 सेकंड में 101वीं से 110वीं मंजिल तक पहुंच जाती है। इस लिफ्ट को ‘शंघाई सुपरलिफ्ट’ कहा जाता है और यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत में स्थित है।

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